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Prithviraj Chauhan History in Hindi भारतीय इतिहास के वीर सम्राट के बारे में जानिए सम्पूर्ण जानकारी।

Prithviraj Chauhan History in Hindi: सम्राट पृथ्वीराज चौहान इनका नाम सुनते के साथ ही आपके मन में भी एक वीर सम्राट की छवि प्रदर्शित होती होगी क्यों की हम सभी इनके बारे में बचपन से ही कहानियां पढ़ते बड़े हुए है। या वो टीवी में इनकी कार्टून फिल्म हो या इनके जीवन पे लिखी गई किताब।

पृथ्वीराज चौहान भारत वर्ष के एक प्रसिद्ध राजा के रूप में जाने जाते है। इनकी शूरवीरता के चर्चे काफ़ी प्रसिद्ध मिल जायेंगे आपको इतिहास में परन्तु कई जगह इनके गलत इतिहास भी इतिहासकारो के द्वारा गलत इतिहास लिखने की जानकारी दी गई है। यह इतिहासकारो के द्वारा बताने की कोशिश करी गयी है पृथ्वीराज चौहान एक हारे हुए राजा थे। मोहम्मद गौरी के द्वारा।

Prithviraj Chauhan History in Hindi

आज के इस लेख में आपको पृथ्वीराज चौहान का एक गौरवान्वित इतिहास की जानकरी मिलेगी की कहा उनका जन्म हुआ उनकी शुरूआती जीवन में उन्होंने क्या क्या किया। और इनका शासन काल कब से कब तक था अथवा इनकी किन से लड़ाई हुई थी। आइये जानते है आज इस लेख के माध्यम से Prithviraj Chauhan History in Hindi.

Prithviraj Chauhan Biography in Hindi

पृथ्वीराज चौहान का जन्म चाहमान राजा सोमेश्वर और रानी कर्पूरदेवी के घर हुआ था। पृथ्वीराज चौहान का जन्म 12वीं शताब्दी में अजमेर में हुआ था। इनके छोटे भाई भी थे जिनका जन्म गुजरात में हुआ था इनके छोटे भाई का नाम हरिराज चौहान था। पृथ्वीराज चैहान का शासनकाल लगभग 1177-1192 तक का था। वे चौहान वंश के महान योद्धा और राजा थे। पृथ्वीराज चौहान को राय पिथौरा के नाम से भी (विख्यात) जाना जाता है।

पृथ्वीराज चौहान, चौहान वंश के आखिरी शासक थे जिन्होंने 12वीं शताब्दी के दौरान अजमेर और दिल्ली के क्षेत्रों में राज्य किया था। (Prithviraj Chauhan History in Hindi)

पृथ्वीराज चौहान और संयोगिता की कहानी

पृथ्वीराज चौहान और संयोगिता की कहानी भारतीय इतिहास और साहित्य में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है। यह कहानी प्रेम, साहस, और नायकत्व का प्रतीक है।

संयोगिता कन्नौज के राजा जयचंद की पुत्री थीं। पृथ्वीराज चौहान, दिल्ली और अजमेर के राजा थे जिसकी वजह से, उनकी वीरता और साहस के लिए प्रसिद्ध थे। संयोगिता पृथ्वीराज चौहान के साहसिक कार्यों से बहुत प्रभावित थीं और उनसे प्रेम करने लगी थीं।

जयचंद और पृथ्वीराज के बीच राजनीतिक दुश्मनी थी। जयचंद ने अपनी पुत्री संयोगिता के स्वयंवर का आयोजन किया और सभी प्रमुख राजाओं को आमंत्रित किया, लेकिन पृथ्वीराज को अपमानित करने के लिए नहीं बुलाया। जयचंद ने पृथ्वीराज की प्रतिमा को अपने द्वारपाल के रूप में खड़ा कर दिया।

संयोगिता ने स्वयंवर में पृथ्वीराज की प्रतिमा को माला पहनाई, यह संकेत देते हुए कि उन्होंने पृथ्वीराज को अपने पति के रूप में चुना है। पृथ्वीराज, जो पहले से ही अपने योद्धाओं के साथ वहाँ छिपे थे, और फिर उन्होंने संयोगिता का अपहरण कर लिया और अपने घोड़े पर बिठाकर उन्हें दिल्ली ले आए। यह घटना पृथ्वीराज की वीरता और साहस का एक और उदाहरण बन गई।

इस घटना के बाद, जयचंद और पृथ्वीराज के बीच दुश्मनी और बढ़ गई। हालांकि, यह प्रेम कहानी आज भी भारतीय लोक कथाओं और साहित्य में अमर है, जो साहस और प्रेम की मिसाल पेश करती है।

पृथ्वीराज चौहान की वास्तविक फोटो क्या है?

Samrat Prithviraj Chauhan
Samrat Prithviraj Chauhan Historical Image.

Prithviraj Chauhan History in Hindi: पृथ्वीराज चौहान की वास्तविक फोटो उपलब्ध नहीं है क्योंकि वे 12वीं शताब्दी के राजा थे और उस समय फोटोग्राफी का आविष्कार नहीं हुआ था। उनकी छवियों के लिए, हम केवल चित्रकला और मूर्तिकला पर आधारित कलात्मक पुनर्निर्माणों पर निर्भर रह सकते हैं, जो बाद के काल में बनाए गए थे। ये चित्र और मूर्तियाँ उनकी वीरता और व्यक्तित्व का सांकेतिक रूप से प्रतिनिधित्व करती हैं।

पृथ्वीराज चौहान का शब्दभेदी बाण क्या था?

पृथ्वीराज चौहान का “शब्दभेदी बाण” उनकी प्रसिद्ध कथाओं में से एक है। इसके अनुसार, जब मोहम्मद गौरी ने पृथ्वीराज चौहान को बंदी बना लिया और उनकी आंखें निकाल दीं, तो पृथ्वीराज को एक तीरंदाजी प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए मजबूर किया गया।

पृथ्वीराज चौहान के साथ उनके कवि और मित्र चंदबरदाई भी थे। चंदबरदाई ने एक कविता के माध्यम से पृथ्वीराज को लक्ष्य की दिशा बताई। कविता इस प्रकार थी:

“चार बाँस चौबीस गज, अंगुल अष्ट प्रमाण।
ता ऊपर सुल्तान है, मत चूको चौहान।।”

इस कविता के माध्यम से चंदबरदाई ने पृथ्वीराज को यह बताया कि लक्ष्य चार बाँस (लंबाई की इकाई) और चौबीस गज (लंबाई की इकाई) की दूरी पर है और लक्ष्य की ऊंचाई आठ अंगुल (फिंगर्स) है। पृथ्वीराज ने यह निर्देश समझा और शब्दभेदी बाण का उपयोग करते हुए सही निशाना साधा और मोहम्मद गौरी को मार दिया।

यह कथा पृथ्वीराज चौहान की वीरता और उनके मित्र चंदबरदाई की चतुराई का एक उत्कृष्ट उदाहरण बन गई।

पृथ्वीराज चौहान का समय काल युद्ध गतिविधियां

पृथ्वीराज चौहान का समयकाल 12वीं शताब्दी में था। उन्होंने 1178 ईस्वी से 1192 ईस्वी तक शासन किया। पृथ्वीराज चौहान ने अपने शासनकाल में कई महत्वपूर्ण युद्ध लड़े। प्रमुख युद्ध निम्नलिखित हैं:

  • तराइन का पहला युद्ध (1191) यह युद्ध पृथ्वीराज चौहान और मोहम्मद गौरी के बीच हुआ था। इस युद्ध में पृथ्वीराज चौहान ने विजय प्राप्त की थी।
  • तराइन का दूसरा युद्ध (1192) यह युद्ध भी पृथ्वीराज चौहान और मोहम्मद गौरी के बीच हुआ था। इस युद्ध में मोहम्मद गौरी ने विजय प्राप्त की और पृथ्वीराज चौहान को बंदी बना लिया गया।

इसके अतिरिक्त, पृथ्वीराज चौहान ने अपने शासनकाल में अन्य छोटे-बड़े युद्ध भी लड़े थे, जिनमें उन्होंने अपने राज्य की सीमाओं का विस्तार और रक्षा की थी।

पृथ्वीराज चौहान का शासनकाल उनके वीरता, युद्ध कौशल और रणनीतिक सूझबूझ के लिए जाना जाता है।

पृथ्वीराज चौहान और मोहम्मद गौरी का युद्ध

पहला उच्चकोट का युद्ध (1191 ई.)

  • इस युद्ध में पृथ्वीराज चौहान ने मोहम्मद गौरी को हराकर विजय प्राप्त की थी।
  • मोहम्मद गौरी को इस युद्ध में हार का सामना करना पड़ा और वे अपने राज्य गाजनी लौट गए।

दूसरा उच्चकोट का युद्ध (1192 ई.)

  • इस युद्ध में मोहम्मद गौरी ने पुनः दिल्ली के पास आकर पृथ्वीराज चौहान के खिलाफ हमला किया।
  • इस युद्ध में मोहम्मद गौरी ने विजय प्राप्त कर पृथ्वीराज चौहान को हराया और उन्हें बंदी बना लिया।

इन दो युद्धों में पृथ्वीराज चौहान और मोहम्मद गौरी के बीच युद्ध कौशल और सैन्य योग्यता का अद्वितीय समर्थन हुआ था, जो भारतीय इतिहास के महत्वपूर्ण पल के रूप में देखे गए हैं।

मोहम्मद गोरी ने किस प्रकार छल से चौहान को बंदी बनाया

जब पृथ्वीराज चौहान ने मोहम्मद गोरी को हरा दिया और गोरी को बन्दी बनाया और उसको छोड़ दिया। तब पृथ्वीराज ने गोरी को क्षमा दान देते हुए गोरी को अपने देश वापस लौटने को कहा। परन्तु फिर एक बार मोहम्मद गोरी एक बार पृथिवीराज पे आक्रमण करके उन्हें रात के अंधेरे में छल कपट से बंदी बना लिया।

तत पश्चात् मोहम्मद गोरी ने पृथ्वीराज चौहान को बार बार इस्लाम्’-धर्म को अपनाने को कहता है परतु चौहान मन कर देते है और फिर गोरी पृथ्वीराज चौहान को कई तरीको से पीड़ा यातनाए देने लगता है और चौहान के लोहे के गर्म शरिये से पृथ्वीराज के दोनों आखों को फोड़ देता है। परन्तु फिर भी पृथ्वीराज चौहान इस्लाम को कबूल नहीं करते है।

अंधे होने के बावजूद पृथ्वीराज चौहान ने अपने मित्र चंदरबरदाई के साथ मिल करके एक योजना बनाई और मोहम्मद गोरी को अपने शब्द भेदी बाण से गोरी को मार दिया। आप इसका अंदाजा इस बात से लगा सकते है की पृथ्वीराज चौहान कितने कुशल योद्धा रहे होंगे की सिर्फ एक ध्वनि की आवाज़ मात्र से ही मोहम्मद गोरी का अंत कर दिया।

निष्कर्ष

Prithviraj Chauhan History in Hindi: पृथ्वीराज चौहान भारतीय इतिहास में एक महान सम्राट थे, जिन्होंने 12वीं शताब्दी के दौरान अपने प्रभावशाली शासनकाल के लिए अजमेर और दिल्ली के क्षेत्रों में अपनी शासन स्थापित की। उनके शासनकाल में उन्होंने अपने विदेशी शत्रु मोहम्मद गौरी के खिलाफ कई युद्ध लड़े। पहले उच्चकोट के युद्ध में उन्होंने मोहम्मद गौरी को पराजित किया था, लेकिन दूसरे युद्ध में हार का सामना करना पड़ा था। और फिर उन्हें बंदी बना लिया गया।

पृथ्वीराज चौहान की वीरता, उनके विचारशीलता और राजनीतिक दृष्टिकोण ने उन्हें भारतीय इतिहास में एक महान नायक के रूप में स्थापित किया है। उनके वंश का अंत भारतीय इतिहास के विभिन्न पहलुओं में महत्वपूर्ण है, जिसने दिल्ली सल्तनत के उदय और अवशिष्टि का मार्ग निर्धारित किया।

आज आपने इस लेक के माध्यम से सम्राट पृथ्वीराज चौहान की सम्पूर्ण जीवन कथा के बारे में जानने को मिला अगर आपको ये लेख Prithviraj Chauhan History in Hindi किसी लगी जरूर कमेंट में बताइयेगा और इसे अपने दोस्तों के साथ इस लेख को Prithviraj Chauhan History in Hindi जरूर शेयर कीजिये गा। ताकि उन्हें भी भारत के वीर सम्राट के बारे में जानने को मिल सके। शीर्षक:- Prithviraj Chauhan History in Hindi की सम्पूर्ण जानकारी।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (Prithviraj Chauhan History in Hindi)

पृथ्वीराज चौहान कितने वर्ष तक जीवित रहे?

पृथ्वीराज चौहान का जीवनकाल लगभग 50 वर्ष तक था। उनका जन्म सन् 1166 ईस्वी में हुआ था और उनकी मृत्यु 1192 ईस्वी में हुई थी। इस प्रकार, उनका जीवनकाल लगभग 26 वर्ष से गिना जा सकता है।

पृथ्वीराज चौहान कौन से वंश के थे?

पृथ्वीराज चौहान, चौहान वंश के थे। – Prithviraj Chauhan History in Hindi

पृथ्वीराज चौहान की पत्नी के साथ क्या हुआ?

संयोगिता ने अपने आत्म सम्मान की रक्षा के लिए अपनी बाकी सभी दासियों के साथ आत्म दाह कर लिया क्यों की मोहम्मद गोरी उन्हें अपने साथ ले जाता। यह संयोगिता के आत्मसम्मान की बात थी।

पृथ्वीराज चौहान को अँधा किया गया?

पृथ्वीराज चौहान अँधा इस लिए अँधा किया गया क्यों की उन्होंने इस्लाम कबूल करने से मन कर दिया था और गौरी एक प्रकार से इसे अपने मनोरंजन का साधन भी मान रहा था।

पृथ्वीराज चौहान की प्रेमिका कौन थी?

पृथ्वीराज चौहान की प्रेमिका सान्योगिता थी। और वे उनकी बहुत प्रिय थीं।
शीर्षक: Prithviraj Chauhan History in Hindi

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