नमस्कार दोस्तों,
Facts About Our Universe:- आज हम जानेंगे की कैसे इस पुरे ब्रम्माण्ड की उत्पत्ति हुई कैसे इस प्रे संसार का विस्तार हुआ है कहा जाता है की इस पुरे सांसार को विस्तार देने मैं एक शून्य का महत्त्व है इस शून्य की अनेको अनेक कहानियाँ और कथाएं है।
यहाँ साइंस मैं भी सिद्ध हो चूका है की ये पूरा संसार एक शून्य के ही इसका विस्तार हुआ है अगर आप Science Facts के बारे मैं जानने के इक्छुक है तो ये लेख आपके लिए ही बना है इसमें आपको वह सारी जानकारियाँ मिल जाएंगी जो आपको जानने के इक्छुक है।
#1. ब्रह्मांड की उत्पत्ति: बिग बैंग सिद्धांत
ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति क जानने से पहले हमे उसके शुरूआती आकार को समझना होगा की कैसे ये पूरा ब्रमाण्ड बना है कहा जाता है की इस ब्रम्माण्ड का विस्तार एक शून्य से हुआ है जिसे बिग बैंग सिद्धांत कहाँ जाता है इस सिद्धांत के अनुसार, लगभग 13.8 अरब साल पहले एक बड़ा धमाका हुआ था।
इस बिग बंग के Blast से एक पुरे एनर्जी का विस्तार हुआ जिसे Atom कहते है और ये ऊर्जा पूरी तरफ से फेल गयी और इससे ही Space का जन्म हुआ और समय अपने अस्तित्व मैं आया और ये करोड़ो सालो तक फैलती रही और सालो साल बीतने से ये ऊर्जा ठंडी होने लगी और इस ऊर्जा से मैटर्स का फोर्मेव हुआ जिसे हम Atoms कहते है।
इस सब के चलते ही Atoms मैं एनर्जी का फार्मेशन हुआ और एलेट्रॉन , प्रोटॉन और नूट्रोंस बने और साथ ही साथ मेटर और एंटी मैटर्स के चलते मेटर ज़्यादा होने के कारण इस ब्रमांड की उत्पत्ति हुई और हम और आप से प्राणियों जिव जन्तुएं बने।
#2. पृथ्वी का जन्म
थिया और पृथ्वी के टकराव के कारण पृथ्वी एक ज्वाला मुख़ी गोले के आकर मैं आ गया और इस बिच एस्ट्रोइड के टकराव के कारण चन्द्रमा का भी जन्म हुआ। और यहाँ सभी सूर्य की प्रक्रिमा करने लगे।
पृथ्वी पर कई वर्षो तक ज्वाला मुखी से निकलने वालो भाप पृथ्वी की सतह पर आते और बहुत प्रकार से रिएक्शन करते थे जिससे पृथ्वी पर एसिड रेन होना एक आम बात थी।
वैज्ञानिको के मुताबिक करोड़ो साल पहले हमारा से पृथ्वी एक आग के गोले के समान था ये 8500 Degree Celsius के तापमान पे हमारा ये earth एक सूर्य के गोले की तरह ही था यहाँ धीरे धीरे ठंडा होने के कारण पृथ्वी पर Ice Age का आगमन हुआ और लगभग 450 करोड़ो सालो तक ये प्रक्रिया बाराम बार दोहराने के कारण कई जीव पानी के अंदर अतित्व मैं आने लगे।
यहाँ जीव पानी मैं मौजूद मिनरल को ग्रहण करते थे और बदले मैं मल के रूप मैं ऑक्सीजन के अपने अनादर से बहार निकलते थे।
#3. सूर्य का जन्म
700 से 450 करोड़ साल पहले कई प्रकार के गैस और धूल के बादल हुआ करते थे वैज्ञानिको के मुताबिक इस धूल के बदलो से दूर एक एक तारा हुआ करता था वक़्त के साथ साथ उस तारे की ऊर्जा कम होना लगी जिसके कारन उसके अंदर एक विशाल विस्फ़ोट हुआ।
अंतरिक्ष की ये धूल एक दूसरे से टकराने लगी और इसके काऱण दबाव और गरमी के कारण उल्कापिंडो मैं परिवर्तित हो चुके थे और फिर इसकी वजह से रेडियो एक्टिव परदारथ का निर्माण हुआ इसके कारन इसके बिच मैं Hydrogen और Helium इकठा होने लगे थे और इस विशाल विस्फोट के कारन हमारे सूरज का जन्म हुआ।
अंतरिक्ष मैं फैले एस्ट्रोइड भारी वजन के कारण सूर्य के पास आके ये सूर्य की प्रक्रिमा करने लगे और इन एस्ट्रोइड के बहुत तेज़ी से टकराने के कारण ही बाकी ग्रहो का निर्माण हुआ।
इसे अवश्य पढ़ें:- Youtuber Kaise Bane
#4. ग्रहो का निर्माण और थिया गृह ?
जैसे की यह गृह MERCURY ( बुध ), VENUS (शुक्र ), EARTH ( पृथ्वी ), MARS ( मंगल ) वैज्ञानिको के मुताबिक उस समय एक और गृह था जो पृथ्वी और मंगल के बिच मैं था उसका नाम THEIA ( थीया) थाया भी सूर्य की प्रक्रिमा किया करता था और बाकी के ग्रहो मैं भी Gravity के कारण सूर्य की प्रक्रिमा किया करते थे।
#5. पृथ्वी की सतह किस प्रकार बनी
पृथ्वी की सतह को बनने मैं उल्का पिंडो को योगदान रहा जिससे पृथ्वी की सेहत पे हलके पर्दाथ पृथ्वी की सेहत पर आ गए और भारी चीज़े पृथ्वी की केंद्र मैं चले गए। लाखो सालो तक पृथ्वी पर उल्का पिंडो के गिरने से इन उल्का पिंडो मैं था नमक पानी और ख़निज करोड़ो सालो तक इन उल्का पिंडो के कारन पृथ्वी की ऊपरी सतह पानी से ढकने लगी।
वैज्ञानिको का मन्ना है की ये वही समय है जब दूर गहरे पानी की सतह मैं शुक्ष्म जीवो का निर्माण हुआ लाखो सालो बाद एक वक़्त ऐसा आया जब पृथ्वी की पूरी सतह पानी से ढक चुकी थी और पृथ्वी के अंदर की सतह रेडियो एक्टिव की वजह से हर दम गर्म हो रहा था।
जब पृथिवी की जमीन ठंडी होती है तो अंदर की गर्मी बाहर नहीं निकल पाने के कारण ज्वाला मुखी का निर्माण हो जाता है। और पानी से ढकी हुई पृथिवी पर हज़ारो के तादाद मैं ज्वाला मुखी निकलने लगे और लाखो सालो तक इन ज्वाला मुखी का निकलना जारी रहा जिससे पानी के ऊपर जमीन का निर्माण हो गया।
ज्वाला मुखी का प्रमुख योगदान है यहाँ पृथ्वी के भारी निचले हिस्से मैं जमी हुई आग ऊपर के सतह पर आके ठन्डे हो जाने के कारण कई जगह का निर्माण हुआ और पृथ्वी का आकर विकसिक हुआ। इस वक़्त भी पृथ्वी पर वातावरण न होने की वजह से उल्का पिंडो का गिरना जारी रहा।
#6. वातावरण का निर्माण
आज से लगभग 300 करोड़ साल पहले पृथ्वी की वातावरण का निर्माण होने लगा था और ज्वाला मुखी निकलने बंद हो गए थे और पृथ्वी का एक दिन 12 घंटो का हुआ करता था।
पृथ्वी का वातावरण उसके निर्माण के समय से ही धीरे-धीरे विकसित हो रहा था। प्रारंभ में, पृथ्वी एक गर्म गोला था जिसमें धातुओं का उत्सर्जन भी था। इस गर्मी के कारण धातुओं का उत्सर्जन गैसों की रूपरेखा को बनाने में मदद करता है। यह गैसों की रूपरेखा पृथ्वी के पर्यावरण का मुख्य तत्व होता था।
धीरे-धीरे, इस गैसों की रूपरेखा से पानी की धारा उत्पन्न होती है जिससे धरती के वातावरण में समायोजन होता है। पानी का उत्सर्जन समुद्रों और नदियों की रूप में होता है, जो पृथ्वी के वातावरण को और भी संतुलित बनाते हैं।
वातावरण के विकास में पृथ्वी के आबादी का योगदान भी महत्वपूर्ण है। जैविक और जैव-सहित पदार्थों के उत्सर्जन से वातावरण का निर्माण होता है, जो पृथ्वी के जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
इस प्रकार, पृथ्वी के वातावरण का निर्माण उसके निर्माण के समय से ही चलता रहा है, और इसमें धातुओं, गैसों, पानी, और जीवों का योगदान है।
#7. सूक्ष्म जीवो का निर्माण
आज से लगभग 250 करोड़ साल पहले जो जीने के लिए ये पैन के अंदर के मिनरल्स को और धुप का इस्तेमाल करते थे और मल के रूप मैं ऑक्सीजन बहार निकलते थे इस वक़्त तक ज्वाला मुखी निकलने बंद हो चुके थे और इन माइक्रो बेक्टीरिअस की वजह से वातावरण मैं ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ रही थी वातावरण बढ़ने की वजह से पृथ्वी का वायुमंडल बनना शुरू जो गया था
सूक्ष्म जीवों का निर्माण पृथ्वी के विकास के साथ ही हुआ। इन जीवों का निर्माण समय के साथ होता रहा, जब पृथ्वी के पर्यावरण में योग्यता उपलब्ध हुई। पृथ्वी के विकास के साथ, उसके पर्यावरण में उचित तापमान, जल, और वायु सामर्थ्य मिलने लगा, जिससे विभिन्न प्रकार के सूक्ष्म जीवों का निर्माण हो सका। ये सूक्ष्म जीव पानी में, मिट्टी में, और हवा में पाए जा सकते हैं।
इन जीवों का निर्माण आमतौर पर अवकाशीय समृद्धि के दौरान होता रहा है, जब पृथ्वी के पर्यावरण में उचित अवस्था होती है। उचित अवस्था में, उन्हें आहार, जल, और ऊर्जा जैसे आवश्यक तत्व मिलते हैं, जिससे उनका विकास होता है।
इस प्रकार, सूक्ष्म जीवों का निर्माण पृथ्वी के पर्यावरण में उचित स्थिति में होता रहा है, जब आवश्यक आहार, जल, और ऊर्जा उपलब्ध होते हैं।
#8. पृथ्वी पर Ice Age की शुरूआत
आने वाले हज़ारो सालो तक वातावरण मैं ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती रही और जिसकी वजह से पृथ्वी की ज्यादा तर हिस्सों मैं यहाँ जीव मरने लगे उस वक़्त पृथ्वी ज्यादा ठंडा होने कारण जिसकी वजह से ज़मीन मैं आयरन और पानी मैं इस्थित मिनरल्स ऑक्सीजन के कारन एक दूसरे से रियेक्ट होने लगे।
एक वक़्त ऐसा आया जब पृथ्वी आज के मंगल गृह के जैसे लाल होने लहि वक़्त बीतने के साथ साथ पृथ्वी के टेक्टोनिक प्लेट्स मैं दरार होने लगी और फिर पृथ्वी के अंदर का लावा ज़मीन की तरह कई सालो तक खुला उबलता ठंडा होता रहा।
इसके कारण ही पृथ्वी के वातावरण मैं कार्बन डयोक्सीडे की मात्रा बढ़ने लगी। और पृथ्वी पर एसिड रेन की वर्षा शुरू हो गयी एसिड रेन की वजह से पृथ्वी का तापमान घटने लगा और इतना घटा की पृथ्वी की सतह का पानी बर्फ मैं परिवर्तित होने लगा और पृथिवी पर भयंकर Ice Age आया पूरी पृथ्वी सफ़ेद बर्फ से धक् चुकी थी। और फिर से पृथ्वी पर ज्वाला मुखी के पत्नी के कारण पृथ्वी का बर्फ पिघलने लगा।
#9. पृथ्वी पर जीव और पर्यावरण का निर्माण
हज़ारो सालो के बदलते समय अनुसार फिर से एसिड रेन की वर्षा हुई और फिरसे बर्फ से पानी बने। समुद्र मैं पौधों का निर्माण हुआ और अब छोटे छोटे सूक्ष्म जीव अब समुद्री जीवो मैं परिवर्तित हो चुके थे।
जोकि अपने आपको पृथ्वी की सतह पर जा सकते थे अब इस समय बड़े बड़े जंगलो का निर्माण हुआ धीरे धीरे ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ने लगी और एसिड की वर्षा कम होने लगी पृथ्वी मैं ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ने की वजह से पृथ्वी की ओज़ोन लेयर मोटी होने लगी।
आज से लगभग 47 करोड़ साल पहने पृथिवी की सतह पर पहली बार मसोस प्लांट उगना शुरू हो गया था वक़्त के साथ साथ पृथ्वी पर अलग अलग पौधे और पेड़ उगना शुरू होने लगे थे एक वक़्त ऐसा भी आया।
जब पेड़ो की लम्बाई पृथ्वी से 20 फिट तक के लम्बे पेड़ उगने लगे थे ये वह वक़्त था जब समुद्र से समुद्री जानवर समुद्र से बहार निकल रहे थे और ज़मीनी जानवरो मैं परिर्तित हो रहे थे।
#10. (पैंजिया) महाद्वीप का विभाजन
धरती की ज्यादा तर ज़मीन एक जगह इक्कठी होने के कारण इसे Pangaea (पैंजिया) महाद्वीप के नाम से जाना जाता था पृथ्वी का वातावरण अब इस्थिर हो चूका था और अब पृथ्वी का एक पूरा दिन 22 से 23 घंटे का हुआ करता था।
अब समुद्री जीव समुद्र से बहार रहने लगे थे और उनका शरीर वातावरण के अनुसार ही ढल चूका था और अब धीरे धीरे ये ज़मीनी जानवर Dinosaur मैं परिवर्तित होने लगे थे जिन डायनासोर ने पेड़ो के पत्ते कहने शुरू कर दिए
उसी प्रकार के बड़े और विशाल होने लग गए। और बाकी के मांस खाने से कुछ का आकर छोटा रहा और कुछ आसमान मैं उड़ते भी थे।
आज से लगभग 20 करोड़ साल पहले पेंजिया महाद्वीप दुतना शुरू हो गया पेंजिया के टूटने की वजह से पृथ्वी की ज़मीन पानी के संपर्क मैं आने लगे और पृथ्वी पर हरयाली बढ़ती गयी।
डायनासोर और बड़े और विशाल होते वहले गए डायनासोर ने आने वाले 20 – 30 करोड़ सालो तक राज़ किया। और इसी समय अफ्रीका से टुटा हुआ भारत का हिस्सा आज के तिब्बत के टकराया और विशाल हिमालयो का निर्माण हुआ।
#11. पृथ्वी पे मनुष्यो का निर्माण
आज से लगभग 6.5 करोड़ साल पहले एक विशाल मिटिरोइड 4.5 लाख करोड़+ KG बड़ा एक पत्थर उल्का पिंड पृथ्वी से टकराया 80,000 KM/HR की रफ़्तार से पृथ्वी की संपर्क मैं आने से इसमें आग लग गया और एक बड़ा विस्फोट हुआ ये विस्फोट की ऊर्जा करीब 10,000,0000 करोड़ एटॉमिक परमाणु बम्ब के बराबर था।
इसके संपर्क मैं आते थे सरे जीव जंतु और पेड़ पौधे राख हो गए। समुद्र मैं बाढ़ आने लगी और सतह पर आग के गोले बरसने लगे कुछ ही देर मैं पृथ्वी की वातावरण मैं हानिकारक गैस और पुरे जगह धूल ही धूल होने की देखने को मिला और डायनासोर विलुप्त हो गए।
इसी वक़्त ज़मीन के अंदर रहने वाले जीव बच गए और फिर से एसिड रेन की वर्षा हुई और दुबारा से बर्फ जमना शुरू हो गए परन्तु अब की बार यहाँ बर्फ जल्द ही पिघल गए और अफ्रीका मैं ठण्ड और बड़े बड़े जंगल हो गए
अब कई जीवो के साथ बंदरो का भी आगमन हुआ और धीरे धीरे वह मनुष्य बन गए इसी समय कई सारे पेड़ पौधे जंगली जानवर विलुप्त भी हो गए।
खाने की तलाश मैं इसके अंदर परिवर्तन हुआ हो ये जीव अपने पैरो पर चलना शुरू किया और दूसरे जानवरो के शिकार करने मैं मदद मिलता था धीरे धीरे बन्दर एब्स यानि वानर मैं परिवर्तित हुए खाने की तलाश मैं ये एब्स पृथ्वी के दूसरे जगहों मैं पेहलेने लगे और पृथ्वी के वातावरण के अनुसार ही इनका evolution हुआ।
निष्कर्ष (Conclusion)
आज आपने जाना Facts About Our Universe इस आर्टिकल मैं मैंने आपको जो भी बताया है वह सभी आपको सरल भाष मैं बाटने का प्रयोग किया है आशा करता हु की आप को यहाँ सभी जानकारी समझ मैं आई होंगी। अगर आप ऐसे ही Universe और Facts से जुडी जेकरि को पढ़ना चाहते है तो कृपया करके हमारे इस ब्लॉग को Regular Basis पे Follow जरूर करे।
अगर आपको यहाँ जानकारी अच्छी लगी शीर्षक :- Top 10+ Facts About Our Universe पसंद आयी हो तो कृपया करके अपने Family और Friends के साथ इसे share जरूर करे।
(Briefly Points) Facts About Our Universe :-
- ब्रह्मांड की उत्पत्ति: बिग बैंग सिद्धांत
- पृथ्वी का जन्म
- सूर्य का जन्म
- ग्रहो का निर्माण और थिया गृह ?
- पृथ्वी की सतह किस प्रकार बानी
- वातावरण का निर्माण
- सूक्ष्म जीवो का निर्माण
- पृथ्वी पर Ice Age की शुरूआत
- पृथ्वी पर जीव और पर्यावरण का निर्माण
- (पैंजिया) महाद्वीप का विभाजन
- पृथ्वी पे मनुष्यो का निर्माण
READ ASLO:- PREVIOUS ARTICLE CLICK
(Facts About Our Universe) FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
पूरे ब्रह्मांड का स्वामी कौन है?
आत्मा, ईश्वर ,ब्रह्म, शिव
ब्रह्मांड में पहली चीज क्या है?
बिग बैंग के बाद, ब्रह्मांड कणों (यानी प्रोटॉन, न्यूट्रॉन और इलेक्ट्रॉन) के गर्म सूप की तरह था।
पूरे ब्रह्मांड में कुल कितने ग्रह हैं?
अवलोकन योग्य ब्रह्मांड में लगभग 2 ट्रिलियन ग्रह हैं।